चाणक्य नीति हिंदी में आपके सम्मुख लाते हुए हमें बहुत हर्ष का अनुभव हो रहा है। यहाँ आप मुफ्त चाणक्य नीति की हिंदी पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं। यह आचार्य चाणक्य की महत्वपूर्ण रचनाओं में से एक है। व
स्तुतः इस ग्रंथ को उनकी कूटनीति का सार-संचयन कहना अतिशयोक्ति न होगी। कहते हैं कि नीति का बोध ही धर्म का मूल है और धर्म से ही इहलोक और परलोक में सुख की प्राप्ति होती है। जो भी चाणक्य नीति का अध्ययन करेगा, निश्चय ही वह नीति शास्त्र में पारंगत हो जाएगा।
We are pleased to bring Chanakya Niti in Hindi in front of you all. It is one of the most prominent and popular books written by Acharya Chanakya. His other important and well-recognized work is Arthashastra, where he dwells in politics, power, and economy. Chanakya Niti PDF covers a wide range of topic and touches all spheres of life. It is believed that those who study Chanakya Neeti deeply achieve success in all walks of life.
इस ग्रन्थ को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद भी हैं। कुछ का मानना है कि आचार्य चाणक्य इस ग्रंथ के रचयिता नहीं हैं, बल्कि उन्होंने नीति पर रचे गए अन्य प्राचीन शास्त्रों से इसका संकलन किया है। वहीं कुछ विद्वानों का कहना है कि नीति शास्त्र के एकाधिक लेखक हैं, जिनमें से एक कौटिल्य या चाणक्य भी हैं और पूरा ग्रंथ उन्होंने नहीं लिखा है। जो हो, आज-कल सर्व-साधारण में यही माना जाता है और अधिकांश विद्वानों का यही मत है कि इसकी रचना चाणक्य ने की थी। यह नीति शास्त्र वस्तुतः गागर में सागर की तरह है और इसका एक-एक श्लोक अपने आप में गहन शिक्षाओं को संजोए हुए है। हमें उम्मीद है कि हिंदीपथ.कॉम के इस प्रयास से आप अवश्य लाभान्वित होंगे।
आचार्य चाणक्य को कौटिल्य व विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वे बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे–वे एक ही साथ अध्यापक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कुशल लेखक भी थे। कौटिल्य प्रथम मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु व मंत्री थे। चंद्रगुप्त को राजसिंहासन तक पहुँचाने में उनकी प्रमुख भूमिका है। चंद्रगुप्त के पुत्र बिंदुसार के भी वे मुख्य सलाहकार थे।
इसके रचनाकार आचार्य चाणक्य माने जाते हैं, जो कौटिल्य व विष्णु गुप्त नाम से भी प्रसिद्ध हैं।
यह ग्रंथ किस भाषा में है?इस ग्रन्थ की रचना मूलतः संस्कृत में हुई थी। यद्यपि विश्व की अनेक भाषाओं में अब इसका अनुवाद उपलब्ध है।
मूल ग्रन्थ में कितने अध्याय हैं?इस ग्रंथ में कुल 17 अध्याय हैं। प्रत्येक अध्याय में बहुत-से विषयों का वर्णन है। एक ही विषय कई अध्यायों में भी मिलता है।
आचार्य चाणक्य कौन थे?ऐतिहासिक जानकारी के अनुसार चाणक्य पहले मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त के गुरु और प्रधानमंत्री थे।
क्या चाणक्य नीति की विषय-वस्तु अन्य ग्रंथों से ली गयी है?कुछ विद्वानों का मत है कि आचार्य कौटिल्य ने उस समय उपलब्ध सभी नीति ग्रंथों से विविध विषयों का संकलन कर चाणक्य नीति की रचना की थी।
सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।
May 20, 2020 at 10:56 am